स्ववृत्त लेखन
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स्ववृत्त का अर्थ एवं स्वरूप
निजी जीवन एवं व्यक्तित्व से संबंधित महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी
सूचनाएँ देना स्ववृत्त लेखन कहलाता है।
नौकरी या
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखते समय, विवाह के लिए अथवा किसी विशेष प्रयोजन, जैसे, किसी पुरस्कार या पदोन्नति आदि के लिए नामांकन पत्र भरते समय स्ववृत्त देने की आवश्यकता होती है। स्ववृत्त वास्तव में अपनी निजी,
शैक्षिणिक, कार्य संबंधी एवं इतर योग्यताओं का संक्षिप्त लेखा-जोखा होता है। 
स्ववृत्त लिखते समय निम्नलिखित बातों विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि सभी जानकारी स्पष्ट रूप से उसमें आ जाएँ-
- नाम – सर्वप्रथम साफ अक्षरों में अपना पूरा नाम देखा
     जाता है। 
 - जन्म-तिथि
     – जन्म-तिथि स्ववृत्त का महत्त्वपूर्ण अंग है। कई बार किसी कार्य के
     लिए आयु सीमा निर्धारित होती है,
     तो
     उसकी पुष्टि के लिए जन्म-तिथि देना
     अनिवार्य होता है। अन्यथा भी आयु से किसी के अनुभव एवं कार्य करने की क्षमता को आंका जा सकता है।
     अत: सही जन्म-तिथि देना
     महत्त्वपूर्ण
     होता है।
 - माता-पिता
     का नाम – यदि पिता और/या माता का नाम
     पूछा गया हो तो वह लिखा जाता है।
     
 - स्थायी/संपर्क
     का पता – माता-पिता का नाम यदि न पूछा गया हो जन्म तिथि के तुरंत – बाद पता लिखा जाता है।
     सामान्यतः वह पता लिखा
     जाता
     है जिस पर स्ववृत्त लेखक अपने पत्र प्राप्त करना चाहता है। यदि संपर्क का पता और स्थायी पता
     अलग-अलग हों तो सम्पर्क के पते के बाद स्थायी पता भी लिखा जाता है।
 - शैक्षणिक
     योग्यता – यह स्ववृत्त का महत्त्वपूर्ण
     भाग है। इसमें सीनियर सेकेण्डरी
     या इंटर से आरम्भ करके क्रमश: बी.ए., एम.ए., बी.एड. या अनुवाद में प्रमाण पत्र आदि शैक्षिक
     एवं व्यावसायिक शिक्षा
     संबंधी
     सूचना दी जाती हैं। ये परीक्षाएँ किस बोर्ड या विश्वविद्यालय से, किस वर्ष में, कितने नम्बरों के साथ, किस स्कूल, कॉलेज या संस्था से पास की हैं उनका विवरण दिया जाता है
     ।
 - अनुभव संबंधी सूचना – यदि नौकरी के लिए आवेदन पत्र के साथ स्ववृत्त भेजा जा रहा है तो, जिस पद या कार्य के लिए आवेदन पत्र भेजा जा रहा है, उससे संबंधित पूर्ववर्ती अनुभव लिखा जाता है। किस संस्था में कब से कब तक कितने समय के लिए किस पद पर कार्य किया है, इसका ब्यौरेवार अल्लेख किया जाता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के शोध कार्यों, सामाजिक क्रिया-कलापों आदि का कोई अनुभव हो तो उसे भी दिया जाता है।
 
- पाठ्येतर
     क्रिया-कलापों संबंधी सूचना –
     शैक्षिक संस्थाओं या अनेक निजी
     क्षेत्र की संस्थाओं में निर्धारित दैनिक कार्यों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों या क्रिया-कलापों को
     भी महत्त्व दिया जाता है।
     शैक्षिक
     योग्यता एवं कार्य-संबंधी अनुभव के अतिरिक्त यदि सांस्कृतिक या खेलकूद संबंधी गतिविधियों
     में रूचि एवं अनुभव हो तो उसका उल्लेख भी स्ववृत्त में अवश्य किया जाता है। इस प्रकार के
     विवरण आवेदक के व्यक्तित्व
     को
     विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण बनाते हैं और कुछ संस्थाएँ इस प्रकार की योग्यताओं को उचित महत्त्व
     भी देती हैं। 
 - अन्य
     सूचना – ऊपर दिए गए बिंदुओं में
     वर्णित जानकारी के अतिरिक्त ( कोई सूचना शेष
     रह जाती है, तो वह इस स्थान पर लिखी जाती
     है। विवाह आदि के पारिवारिक
     सदस्यों की जानकारी आदि दिए जाते हैं।
     
 - संदर्भ – कई बार आवेदक के चरित्र या व्यक्तित्व के विषय में जानकारी प्राप्त करने या सामाजिक जिम्मेदारी की दृष्टि समाज के दो या प्रतिष्ठित व्यक्तियों के संदर्भ माँगे जाते हैं। इसमें संबंधित व्यक्तियों का नाम और पूरा पता दिया जाता है। स्ववृत्त में वही तथ्य एवं जानकारी विशेष रूप से दिए जाते हैं जो नौकरी प्राप्त करने में सहायक हों या आवश्यकतानुसार जो आवेदक की योग्यताओं पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हों।
 
आवेदन
पत्र
सेवा में
संपादक
दैनिक
भास्कर
पानीपत।
विषय :
पत्रकार पद के लिए आवेदन।
महोदय,
आज दिनांक
20 मार्च ……… को प्रकाशित दैनिक भास्कर से प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपके कार्यालय को पत्रकार की
आवश्यकता है। मैं इस पद के लिए अपना आवेदन-पत्र
प्रस्तुत कर रहा हूँ।
मेरा
स्ववृत्त इस आवेदन-पत्र के साथ संलग्न है। इसका अवलोकन करने पर आपको विश्वास होगा कि मैं इस पद के लिए पूर्णतः उपयुक्त
उम्मीदवार हूँ। मैं आपके विज्ञापन में
वर्णित सभी योग्यताओं को पूरा करता हूँ।
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