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स्ववृत्त लेखन
  स्ववृत्त का अर्थ एवं स्वरूप   निजी जीवन  एवं व्यक्तित्व से संबंधित महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी सूचनाएँ देना स्ववृत्त  लेखन कहलाता है।  नौकरी या छात्रवृत्ति के लिए आवेदन-पत्र लिखते समय , विवाह के लिए अथवा किसी विशेष प्रयोजन , जैसे , किसी पुरस्कार या पदोन्नति  आदि के लिए नामांकन पत्र भरते समय स्ववृत्त देने की आवश्यकता होती है।  स्ववृत्त वास्तव में अपनी निजी , शैक्षिणिक , कार्य संबंधी एवं इतर योग्यताओं  का संक्षिप्त लेखा-जोखा होता है।       स्ववृत्त लिखते समय निम्नलिखित बातों  विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि सभी जानकारी स्पष्ट रूप से उसमें आ जाएँ-     नाम –  सर्वप्रथम साफ अक्षरों में अपना पूरा नाम देखा      जाता है।    जन्म-तिथि      –  जन्म-तिथि स्ववृत्त का महत्त्वपूर्ण अंग  है। कई बार किसी कार्य के      लिए आयु सीमा निर्धारित होती है ,      तो      उसकी पुष्टि  के लिए जन्म-तिथि देना      अनिवार्य होता है। अन्यथा भी आयु से किसी के अनुभव  एवं कार्य करने की क्षमता को आंका जा सकता है।      अत: सही जन्म-तिथि देना       महत्त्वपूर्ण      होता है।   माता-पिता      का नाम –  यदि पिता और/या म...
ईमेल लेखन
        ईमेल लेखन   ईमेल , जिसे इलेक्ट्रॉनिक मेल के रूप में भी जाना जाता है , इंटरनेट पर सूचना  भेजने और प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लिखित संचार का  माध्यम है।   ईमेल के प्रकार     ईमेल  को मूल रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है-  औपचारिक और  अनौपचारिक।     ई-मेल लेखन का प्रारूप                 प्रेषक ( From)  : मेल भेजने वाले का ई-मेल पता।              प्रेषिती ( To) : मेल प्राप्त करने वाले का ई-मेल पता।                CC  : कार्बन कॉपी              BCC  : ब्लाइंड  कार्बन कॉपी              विषय  : यहाँ   ई-मेल का विषय संक्षेप में लिखते हैं।                अभिवादन : जिसे ई-मेल लिखा जा रहा है उसके आदर   स्वरूप शब्द लिखा जाता है। जैसे प्रिय , महोदय आदि।      मुख्य विषय वस्तु  : विषय   से संबंधित विस्तार से विषय लिखा जाता है।      समापन  : कथन समाप्त करना    अटैचमेंट ज्वाइन करें : पीडीएफ , इमेज   जैसी फाइल अटैच करना      हस्ताक्षर  : प्रेषक   का नाम , संकेत ,   आदि         प्रेषक  : यहाँ आपको अपना ई-मेल पता दर...
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